आजकल शरीर मल्टी विटामिन और मिनरल्स की कमी से जूझने के बाद भी उतना कमजोर नहीं दिखता, जितना दो जीबी डॉटा खत्म हो जाने के बाद दिखता है।
बड़े से बड़े बब्बर शेर के मुँह से अगर 2GB डॉटा छीन लिया जाए तो उसे सियार बन जाने में दो मिनट की देर नहीं लगती है।
कल की बात है। मुम्बई का जाम सदा की तरह धैर्य का इम्तेहान ले रहा था। ज़िंदगी अंधेरी में विरार जैसा फील कर रही थी। तभी धीरे से आकर एक चौदह साल के लड़के ने कहा, “भइया दीजिये न..!
मैनें कहा, “छुट्टे नही हैं।
उसने खिसियाकर कहा, “भीख नहीं मांग रहा, हॉटस्पॉट ऑन कर दीजिये, इनको जीपे करना है।”
मैं चौंक गया। मोबाइल डॉटा हैकर्स पर पढ़े हुए तमाम आर्टिकल याद आने लगे। मैंने कहा, “सॉरी भाई, नहीं दे सकता।”
लड़का याचना की मुद्रा में आ गया, उसने कहा, “आप मुझे पहचानते नही ? मैं ठाकुर सैलून…! जहां आप बाल कटवाते हैं, मेरे ही भइया हैं, जो आपसे ‘भोजपुरी गानों में ढोढ़ी का आर्थिक योगदान’ जैसे बिषय पर चर्चा करते हैं, उन्हीं का छोटा भाई हूँ…!
मेरे मुंह से निकला..”ए मरदे पहिले न बतावेला।”
मैनें तत्काल प्रभाव से हॉटस्पॉट ऑन कर दिया। फिर तो मेरी नज़र उन भाई साहब पर अटक गई, जिनको पेमेंट किया जाना था।
एक झटके में वो लूटे हुए रईस लग रहे थे। दूसरे झटके में बेरोजगार इंजीनियर। आँखे और बाल मिलकर बता रहे थे कि वो अप्रकाशित लेखक हैं।
लेकिन पैंट-शर्ट की सिकुड़न में एक अंतहीन उदासी थी, जो बता रही थी कि वो किसी कारपोरेट खिड़की से उड़ाए गए कबूतर हैं,जिसका पर काट दिया गया है।
तब तक अचानक मेरी नज़र उनके जूते पर अटक गई और मेरे तोते उड़ गया।
इससे पहले कि वो ये कहें कि अपनी अगली फिल्म में एक रोल मेरा भी रखिएगा राइटर साहब…मैनें जान-पहचान का प्रोग्राम ही कैंसिल कर दिया और हॉटस्पॉट ऑफ करते हुए उस लड़के के कान में कहा, ” मार्केट में एक नया गाना आया है…भइया को बता देना।”
“कौन सा ?”
“ढोढ़ीये पर ले लs…लोन राजा जी…”
लड़का एक कातिल हँसी हंसा। का भइया,”आपो ग़जबे मजाक करते हैं..!”
मैंने कहा गाना बढ़िया है औऱ तुम्हारे भैया चाहें तो लोन लेकर बगल में एक और सैलून खोल सकते हैं।”
लड़का मुस्कराया और चला गया…
लेकिन दोस्तों, इससे भी ज्यादा बड़ी दुर्घटना मैंने अभी-अभी दैनिक जागरण के एकदम कोने में पढ़ी है।
ख़बर कुछ ऐसी है कि एक बहू तंग आकर थाने पहुँच गई है।
उसने थानेदार से जाकर कहा है कि दरोगा जी,मेरी सास मंगधोवनी,मुझे जीने नही देगी… एफआईआर लिखिए ।”
दरोगा जी ने पूछा है, “सास तुमसे झगड़ा करती है ?”
“नहीं दरोगा जी..”
“मारती है ?”
“न न..”
“तो क्या खाना-पीना नहीं देती ?”
“नही, वो बात भी नही है ?”
“तब क्या दहेज मांग रही है ?”
“नही दरोगा जी..!”
“तो फिर क्या बात है बताओ…!”
“मैं किचन में काम करती रह जाती हूँ…”
” तो क्या ज़बरदस्ती काम करवाती है ?”
“नहीं, दरोगा जी, मेरा दो जीबी डॉटा खत्म कर देती है…तंग आई गई हूं इस सास से। “
दरोगा जी ने अपना हॉटस्पॉट ऑन करके कहा है….
“लो,बहन, कम्बख़्त बीबी ने बस 100mb ही छोड़ा हैं…तुम दो चार रिल्स-विल्स देखो, पानी-वानी पियो.. मैं अभी आता हूँ..”
आगे की खबर अख़बार वाले जालिमों ने नहीं दी है। शायद पत्रकार का डॉटा खत्म हो चुका होगा।
लेकिन दोस्तों..मैं आज अपनी न जाने कब होने वाली सास की कसम खाकर कहता हूँ, ये खबर पढ़कर मेरी सांस अटक गई है।
दोनों हाथ प्रार्थना में जुड़ गए है..”हे ईश्वर ! अब कल्कि अवतार लो..तुम बहू को ऐसी सास न दो..पति को ऐसी पत्नी न दो, किसी भाई को ऐसा भाई न दो… किसी मंटूआ को ऐसी पिंकिया न दो, जो अपना दो जीबी खत्म करने के बाद दूसरों के दो जीबी का कत्ल कर दे।”
ये हमारे समय का सबसे बड़ा अत्याचार है।
अगर सरकार सुन रही हो तो मेरी उससे दरख्वास्त है कि इंडिया बहुत आगे जा चुका है। दो जून की रोटी के लिए आटा की लड़ाई, अब दो जीबी डॉटा की लड़ाई बन चुका है।
अब राशन कार्ड में गेंहू,चावल और चीनी मुफ्त करने से काम नही चलेगा.. उसके साथ हर महीने 60GB डॉटा भी मुफ्त करें….वरना लोग भूखों मर जाएंगे। 😉
सादर
अतुल..