हाय ! पापा की जगह मामा बन चुके धरती के समस्त प्राणीयों की कसम. दिल पर बजट का समाचार रखकर हम सोचे ही जा रहे हैं कि सन्न से अगली जानकारी गांव के सनुआ ने दी है.
“अरे ! इयार वीडियो कैमरवा भी गुड्डूआ का ही है.”
मेरे मुँह से अचानक निकलता है.”भगवान उठा लो गुड्डूआ को..अब बस यही दिन देखना बाकी रह गया था..काहो डीह बाबा..? सुना है गूड्डूआ जहर खोज रहा.लेकिन मिल नहीं रहा.
इधर मैं तबसे सोच रहा क्या बीतेगी बेचारे पर.? उन हाथों से शादी के मण्डप में कैसे लाइट सजाएगा ?.जिन हाथों को पहली बार शीशमहल में “निरहुआ चलल ससुराल” देखते वक्त रानी ने पकड़ लिया था.वो हाथ कैसे काम करेंगे…जिन हाथों की ऊँगलीयों में उँगलियाँ डालकर गुड्डूआ ने रानी को ददरी मेला में गुरही जिलेबी खिलाया था.चरखी पर झूला झुलाया था,सलमान खान की तरह हरी-हरी चूड़ियाँ खरीदी थी.
और तो और एक बार कहते हैं कि इसी फरवरी की साँझ हो रही थी.सरसो लहलहा रहे थे.फगुनहटा बह रहा था.मटर मचल रहे थे.तो चना भी चहक रहे थे.मटर और चने की जोरदार बोआई किये इस गाँव के लोग खेत-खलिहान और घर एक किये थे.उस दिन रानी भी अपने खलिहान में बाबूजी को चाय देकर आ रही थी.संजोग से खेत की उसी मेड़ गुड्डूआ भी अपने खेत से मंसूरी अगोर के आ रहा था.हुआ नैनाचार.
दोनों के दिल में मोहब्बत के सुरीले नगमें सनसनाने लगे.दिलवा में खुशी उतनी ही हुई थी जीतनी की अकेले में अपने महबूबा को देखकर सबको होती है.लेकिन नहीं जी.गाँव के सभी लौंडों की तरह गुड़ुआ ने हाथ मारकर अपने रानी को मातादीन राय के टिबूल पर नहीं बुलाया.वो धीरे से पास गया.और जाकर खड़ा हो गया था.इधर रानी अपनी भोली-भाली दो आँखों से पूछ बैठी थी.
“ए गुड्डू कवनो फिलिम रखे हो जी” ? गुड्डूआ ने झट से कहाँ था..” हाँ है न ? त कवन ? “घातक है सनी देवला वाला..” “भक्क..” घातक का नाम सुनते ही रानी का मुंह अमरिशपूरी जैसा बन गया था.गुड्डूआ तब मुस्कराया था.और धीरे से बोला था.तो “दिल वाले दुलहनिया ले जाएंगे” देखोगी ?
कहतें हैं इतना सुनने के बाद रानी सरसों के पीले-पीले फूलों को देखकर मुस्कराई थी.दिल और मन में “तुझे देखा तो ये जाना सनम” बजने लगा था..पल भर के लिए वो काजोल और गुड्डूआ शाहरुख़ खान हो गए थे.रानी की चेतना वापस लौटी तो पूछ पड़ी थी.”हाँ- हाँ.दस बार देखा है लेकिन दे दो..ग्यारहवा बार तुम्हारे हाथ से ही सही.
कहते हैं सुबह नौ बजे तक सोने वाला गुड्डूआ जब किरीम-पाउडर इतर-फुलेल और तेल ग़मकउवा लगाकर उस दिन सबसे पहले कालेज के गेट के पीछे खड़ा हो गया था..रानी पियरका सूट पेहेन के उस दिन आई थी..गुड्डूआ ने हाथ में कैसेट ही नहीं कैसेट में एक पर्ची भी थमाया था.जिस पर ये लिखा था कि..”आई लव यू सिमरन.” तोहार गुडू.
रानी पढ़ते ही हंस पड़ी थी.फिर ऐसा लगा था मानों सरसों के फूलों से गुलाब की गन्ध आ रही हो.
अब देखिये न आज फिर खेत में सरसों खिले है.बसन्त की जवानी चरचरा रही.मौसम रोमांटिक है लेकिन गुड्डूआ के लिए ये बसन्त पतझड़ से भी खराब लग रहा.अब तो बीटेक्स वाले उसकी दुल्हनिया लेकर जा रहे हैं.ये दिल वाला अपनी दूल्हनिया को कैसे जाने दे.कैसे कह दे अपने रानी से की “ए सिमरन तुम्हारा शाहरुख खान अब जान दे देगा मेरी काज़ोल..”
कैसे कह दे अपनी रानी से कि तेईस को तुम अपने इंजीनियर राजा की हो जावोगी.फिर पता न कब आवोगी.मनवा तो यही न करेगा की ई दिन देखने से पहले मुंह में चूना मिला कोयला पोतकर पोखरा में समाधि ले लें…
अब क्या कहें..छोड़िये…मन उदास हो गया.
कमबख्त इश्क के असली दुश्मन तो ये बनवारी प्रसाद छेदी लाल मेमोरियल टाइप इंजीनियरिंग कालेजों में बीटेक्स पढ़ने वाले लौंडे हैं..गाँव-जवार के सारी प्रेम कथाओं के असली दुश्मन.इस शादी-ब्याह के सीजन में गूड्डूआ जैसे हजारो दीवानों की जिंदगी में चरस बोके चले जाते हैं.इनके बीटेक्स के कारण ही आज देश में न जाने कितने गुड्डूआ मामा बनकर बेरोजगार घूम रहें हैं.
अरे ! गुड्डूआ भी चाहता तो वो भी ई टेक्स-बीटेक्स कर सकता था.उसका छोटका भयवा तो मेरठ से कर ही रहा है.लेकिन गुड्डूआ का जिद था कि वो दादर डिग्री कालेज में भले होम साइंस लेकर पढ़ेगा लेकिन अपने करेजा से कभी दूर नहीं जाएगा.लेकिन जा रे जिनगी.जिसके लिए दूर नहीं गया वही उसे अब हमेशा के लिए छोड़कर दूर जा रही है.
भगवान कहीं सुन रहे हैं तो प्रार्थना है आगे से आदमी के सीने में दो ठो दिल देकर भेजा करें..ताकि इस शादी-ब्याह के सीजन में दिल पर पत्थर रखके जो आशिक अपनी महबूबा के शादी में पूड़ी,पत्तल गिलास चला रहे हैं उनकी जिनगी सही-सलामत रहे।अब क्या बज़ट का समाचार पढ़ें ? कई पार्टीयों का चुनावी घोषणा पत्र भी छपा है.मन तो कर रहा अखबार गंगा जी में फ़ेंक दें.
कमबख्त किसी पेज पर ये नहीं लिखा कि सरकार ने इस बजट में ये फैसला लिया है कि प्रेमीयों के दिल टूट जाने पर भरपाई की जाएगी.प्रेम होते ही सभी प्रेमियों के दिल का एक रुपए में insurance किया जाएगा.भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेमी सुरक्षा निधि को बढ़ाकर चार गुना किया.हर शहर में चार-चार प्रेमी मिलन केंद्र भी बनाए जाएंगे.