DU Admission सोना आंटी एक बार बहुत दुःखी थीं..हुआ यों कि उनके पंचवर्षीय पुत्र पिंकू के क्लास 2 में मात्र 95% नम्बर थे..और बगल वाली शर्मा आंटी के बेटे गोलू के 98%. .हाय!…अब क्या होगा? .ये तो सोसाइटी में घोर बेइज्जती हो गयी…उनका लौंडा तो नालायक निकल गया जी.. मात्र 95%… सब पइसा माटी में मिला दिया..
उस दिन कैसे शरमाइन सबके सामने ऐंठ रही थी..उनका बेटा 98% लाया था.सोना आंटी के मन में आया की कह दें..”गोलू के मैथ वाले टीचर के साथ तुम्हारा क्या चक्कर है पूरी सोसाइटी जानती है.” पर चुप रह गयीं और घर आकर पिंकू को खूब मारा…उसके पापा से खूब झगड़ा किया…”आप ध्यान नहीं देते …दिन भर पिंकू को पढ़ाने तक की फुर्सत नहीं….मात्र 95% लाया है।”
अब पिंकू बेचारा उस दिन ऐसा फील किया ,मानों उस पर आईपीसी की धारा 302 किसी ने लगा दी हो…..और मम्मी कसम खा लिया, की आज से सिर्फ परसेंटेज लाने के लिए पढ़ेगा…
आज उसके बारहवीं में 98% हैं……
लेकिन हाय.. उसे डीयू के मनचाहे कालेज में एडमिशन नहीं मिल रहा…..
सोना आंटी आज भी खूब गरम हैं अपने नालायक बेटे पर…
“100% क्यों नहीं लाये नासपीटे”? हाय!..आफत.. ……..
अब ये समस्या सिर्फ सोना आंटी की नहीं. आज बलिया,गाजीपुर,मऊ,देवरिया,आजमगढ़ के महंगे इंग्लिश स्कूलोँ में पढ़ाने वाले हर गार्जियन की है..
ये सब अपने अपने पिंकू से परेशान हैं…बारहवीं में 92% और यूपीटीयू में 90 हजार रैंक…बीएचयू के साधारण बीए और बीएसी तक के एंट्रेंस एग्जाम में फेल….
बी. टेक. से मोह भंग कभी का हो गया..सीवान की जमीन को बेचकर सुनेसर राय दस लाख खर्चा किये…और नोएडा में बीटेक करने के बाद उनका लौंडा निकला तो दो साल स्ट्रगल के बाद 10 हजार की नौकरी मिली…
तो इस बी. टेक. करने से अच्छा चौराहे पर बीटेक्स बेचना है न ?..
लेकिन माई बाबूजी के स्टेटस सिम्बल का सवाल है…लड़का बीटेक न करेगा तो घोर बेइज्जती हो जायेगी न…
और बीटेक न किया तो कम से कम डीयू में तो पढ़े…
लेकिन साहेब इधर दिल्ली यूनिवर्सिटी का कट आफ जिस द्रुत लय में बढ़ रहा है .उससे आने वाले दिनों में कहीं ये न हो जाए कि 100% के बावजूद किसी पिंकू को ,रिले रेस प्रतियोगिता में दौड़ना पड़े..या दंड बैठक करना पड़े. नही तो कहीं सूगर बीपी चेक करवाना पड़े… .उधर मिरांडा हाउस में पढ़ने की कसम खा चुकी एंजेल स्वीटी को तीन मिनट में तीस गोलगप्पे खानें पड़ें…
मल्लब की हाय! रे भारतीय एजुकेशन सिस्टम….100% लाकर भी ये हाल…
उधर असली आम आदमी पार्टी के एक मंत्री तोमर जी तो अपनी क्लास रूम भी न पहचान पाये ..और फर्जी डिग्री लेकर उसी दिल्ली में कानून मंत्री हो गए..
लेकिन असली का 100% लाकर लड़के और उनके गार्जियन परेशान हैं।. डीयू में एडमिशन न होगा तो नाक कट जायेगी।
हमें तो कई बार लगा है की में 40 % लाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी …..सापेक्षता का सिद्धांत बताने वाले आइंस्टीन जैसे विकट गदहे…या दुनिया को विकासवाद से रूबरू कराने वाले डार्विन( जिनको किसी स्कूल ने कभी एडमिशन नहीं दिया.)…ये भी आज आ जाएँ तो डी यू वाले उन्हें विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से ही भगा देंगे…मने न्यूटन तो डीयू के सामने एप्पल जूस की दुकान खोल लेते..
बिलगेट्स और स्टीव जॉब्स जैसे लोग डीयू कैम्पस में पंचर साट रहे होते..
अब क्या कहें…ये ट्रेजडी है हमारे एजूकेशन सिस्टम की….विद्यावारीधि तोमर जी की कसम..आज कालेज सिर्फ नम्बर लाने और डिग्रियां बाटनें के कारखाने बन गये हैं….
सोना आंटी और सुनेसर जैसे लोग कब समझेंगे की..इस डीयू से पढ़कर निकले लोग भले किसी बहुराष्ट्रीय कम्पनी में शिफ्ट हो जाएँ. लेकिन इस डिग्री से योग्यता , ज्ञान ,विवेक और सुख का कोई सम्बन्ध नहीं…
न ही इस तथाकथित प्रतिभावों के भेंडियाधसान ने ऐसा कुछ किया है आजतक. जो देश और दुनिया, समाज को बदल सके।।
ये आज तक अधिकतर उन्हीं लोगों ने किया, जिनका एकेडमिक रिकार्ड बहुत खराब रहा है….
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