समाजवादी लैपटाप कथा

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सेवा में
अकलेस पुत्र मन से मोलायम।

मने कह रहें हैं..आप तो आजकल गरिया रहे होंगे की Laptop लेकर वोट न देने वालों तुम्हारे लैपटाप में कीरे पड़ेंगे ओह!…आप का गुस्सा जायज है अकलेस भाई..

अच्छा त मने आप Laptop  दिये, खूब दीये,ठीके किये….बहुत लोगों ने सराहा कि अच्छी बात है ये ,इससे छात्र पढेंगे…रोज-रोज नयी जानकारीयाँ मिलेंगी उनको..अब लोग कितना सदुपयोग कर रहें हैं ये तो खुदा जाने।

सिर्फ हमारे गाँव का उदाहरण देखें।
बारह आदमी को लगभग मिला…..मनीष पुत्र धरीछन को भी मिला।
धरीछन दिन रात मजदूरी करतें हैं…..पांच बच्चों को पढातें हैं..एक बेटी का बीयाह इसी साल किये हैं..
जुलाई-अगस्त में उनका छत पलान इस कदर चुने लगता है कि गाय-भैंस और पूरा परिवार एक ही साथ सोता जागता है.. ऐसे हालात में किसी कोने में पड़ा आपका ये लैपटाप उनकी गरीबी और अभाव का घोर मजाक उड़ाता है…

धरीछन एक दिन परेशान होकर 5 हजार में आपके लैपटाप को मंगनी सेठ के लइका उमेसवा को बेच देतें हैं…
अब उमेसवा चट्टी पर मोबाइल रिचार्ज और डाउनलोडिंग का दुकान खोलता है..
“दस रुपिया में दू जीबी फूल गाना अउर वीडियो का मजा लिजिये” का बोर्ड लगा देता है..”

अब उमेसवा का दोकान खूब चकाचक चलता है. गाँव भर के लौंडे अपने चाइना के मोबाइल में दिन भर डाउनलोड करवातें हैं.गर्ल्स कालेज की छुट्टी होते फूल वॉल्यूम में गाना बजातें हैं…..”बताव कब देबू हो…..?”
लड़कियां किसी तरह इज्जत बचातीं .बचे हुए शरीफ लौंडे कहतें हैं .”तनी हउ वाला फिलिम डाल देना रे उमेश…” उमेसवा घूर के देखता है और कहता है.. “हउ वाला फिलिम का तीस रुपिया लगेगा.”..

अब शरीफ बच्चे तीस रुपिया का जोगाड़ घर का गेंहू-चाउर बेच के करतें हैं..

एक दिन परदीप पुत्र बिसंभर दूबे कक्षा 9 को हउ वाला फिलिम देखते हुए बिसंभर पकड़ लेतें हैं और खूब कचहर के मारतें हैं…
गाँव भर में शोर …..”सब लइका बिगड़ गइल बाड़न स”…सब आवारा हो गये..गाँव का माहौल खराब…
“साला इ दिन रात का देखत बाड़न स…..हउ विसालवा के देख..ससुरा के लैपटाप मिलते ही दुबरा के गाल धस गइल,आँखी के नीचे करिया होखे लागल…..”

भया बवाल…सब अपने अपने लौंडे से परेशान…कुछ लोग तो आपको गरियातें भी हैं अकलेस भाई….”इ कवन बीपत दे दिहलस मटीलागना…

विसंभर कहतें हैं “अब उमेसवा के मारम”….साला गाँव भर के लइकन के बिगाड़ दिहलस…
अगले दिन..उमेसवा की दूकान पर हमला… तोड़-फोड़, पुलिस,कचहरी,मुकदमा…मंगनी सेठ का दरोगा जी से परिचय है….विसंभर पर उलटें जान से मारने का प्रयास वाला केस में मुकदीमा करवा देतें हैं …

गांव भर में तनाव…….हाय रे लैपटाप..

बाकी जिन दस से बारह लोगों को मिला उनके बच्चे नेट पैक डलवाने के लिए गेंहूँ,चावल सब्जी लाने के पैसे को खर्च करतें हैं…कुछ झगड़ा करते हैं..बाकी बाबूजी के पाकेट से चुराते हैं..

एक दिन हमारे बगल में एक चाची अपने आठ में पढने वाले लौंडे (जिसकी बहन को मिला है) को हाथ के अभिनव प्रयोग कर शांत होतें देखती हैं और सुबह लैपटाप को लोढ़ा से कुंच देतीं हैं।
अब क्या करे उस बेचारे का दोष नही…नेट पर देखता है सनी लियोन का हार्ड कोर… ..सिवाय हाथ के अभिनव प्रयोग के चारा भी क्या है?
हाथ का अभिनव प्रयोग जानतें होंगे न आप अकलेस भाई? …..जरुर जानते होंगे ,न पता हो तो राहुल गाँधी से पूछ लिजियेगा ……और सोचियेगा आपने क्या दिया है अकलेस भाई….?
बारह में से आठ ने तीन हजार,चार हजार पर ही आपका Laptop बेच दिया…ध्यान से सोचेंगे तो पता चलेगा की उ महज आपके लैपटाप को नही. उसने आपके समूचा समाजवाद को बेच दिया है….

आगे क्या कहें..आज तो उमेसवा की जगह दस से ज्यादा दुकानें चट्टी पर खुल गयी हैं…..अब दसे रुपिया में चार जीबी फूल का बोर्ड लगा है..
बेहिसाब डाउनलोडिंग हो रहा….गर्ल्स कालेज की छुट्टी पर आपसे लैपटाप लेने वाले बेहिसाब अश्लील गाना बजा रहे….सिटी मार रहे..

अरे अकलेस भाई .जो जनता गरीबी,बेरोजगारी,सड़क,बिजली,पानी जैसी तमाम मूलभूत चीजों से परेशान हो, उसे ये आप  Laptop का झुनझुना  देकर उसका मजाक मत उड़ाइये महराज….
जनता को क्या चाहिए पहले सोचिये ? ..
...तब वोट मांगिये….वरना 17 में ही विधान सभा होगा..इ तो जानते हैं आप।

आपका
फलाना
जिला बलिया
16-5-2014

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संगीत का छात्र,कलाकार ! लेकिन साहित्य,दर्शन में गहरी रूचि और सोशल मीडिया के साथ ने कब लेखक बना दिया पता न चला। लिखना मेरे लिए खुद से मिलने की कोशिश भर है। पहला उपन्यास चाँदपुर की चंदा बेस्टसेलर रहा है, जिसे साहित्य अकादमी ने युवा पुरस्कार दिया है। उपन्यास Amazon और flipkart पर उपलब्ध है. फ़िलहाल मुम्बई में फ़िल्मों के लिए लेखन।