आप सबको एक जरूरी जानकारी के तहत ये अवगत कराना है कि बिहार चुनाव के बाद देश में जो रामराज्य स्थापित हो गया था..गंगा-जमुनी तहजीब की बाढ़ आ गयी थी..महंगाई का इंतकाल हो गया था, देश में शांति और अमन की बांसुरी बज रही थी..उसकी वैलिडिटी अब समाप्त होने वाली है…
अब एक-डेढ़ महीने के अंदर ही देश में असहिष्णुता,intolrance,गौ रक्षा,दलित उत्पीड़न, आरक्षण,हिन्दू आतंकवाद जैसे शब्दों की बरखा बरसने वाली है.कृपा करके अपना-अपना छाता निकाल लें..वरना भीगने के बाद एक ख़ास किस्म के निमोनिया होने की प्रबल सम्भावना हैक्योंकि बहुत सम्भव है कि देश के कुछ बुद्धिजीवियों को फासिज्म का साक्षात दर्शन होने लगें…अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे नज़र आने लगें.किरण राव को सुबह अखबार पढ़ते डर लगे.शाहरुख खान को देश छोड़ने का मन करने लगे.अंतराष्ट्रीय स्तर के झोला छाप बुद्धिजीवियों को संघिस्तान नज़र आने लगे…
कवि,और लेखक कविता और लेख से ज्यादा पुरस्कार लौटाने पर ध्यान देने लगें….
देखते ही देखते चारो ओर घोर अशांति फैल जाये., महंगाई कपार पर चढ़ कर नागिन डांस करने लगे…
टीवी में बरखा,राजदीप,सागरिका,रवीश को देखते ही यक़ीन हो जाए कि हमसे अच्छे तो सीरिया और ईराक वाले हैं…काश हम सीरिया में पैदा हुये होते..
सो इस भयंकर त्रासदी से बचने के लिए आप सबको अभी से आगाह करता हूँ…कृपया तैयार रहें..घबराये नहीं..सांस तेज होने पर शरीर के वाम भाग को कसकर दबाएं..
आँख बन्द करें..और Moditation करते हुये दो-चार गहरी सांस लें…दिल को थोड़ा आराम मिलेगा..हाँ Moditation का अभ्यास नियमित जारी रखें..
धीरे-धीरे,जस-जस उत्तर प्रदेश से लगायत पंजाब,गुजरात,गोवा आदि राज्यों में चुनाव खतम होगा….
उस दिन से अपने आप देश में बिहार जैसा राम राज्य आ जाएगा…
महंगाई की नानी का इंतकाल हो जाएगा..
सारे कवि और लेखक अपने-अपने पुरस्कार वापस ले लाएंगे..
और फेसबुक,ट्विटर पर मनपसन्द गाने सुनेंगे,किसी ईरानी फ़िल्म की चर्चा करेंगे..
रायता में नमक कितना डालें ये बताएंगे.और असहिष्णुता,intolrance नामक शब्द मच्छरदानी में तेल लगाकर सो जाएगा..
इसलिए कृपा करके सावधान रहें और बाकी लोगों को भी सावधान कर दें….अब असहिष्णुता बढ़ने वाली है..
धन्यवाद
बनारस वाले बाबा
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