भोजपुरी संगीत अश्लील क्यों है ? ( इतिहास और वर्तमान पर एक नज़र )
वो साठ का दशक था,तब मनोरंजन के इतने साधन नहीं थे। ले-देकर दशहरा के समय दरभंगा और अयोध्या...
कैम्पस एक बगीचा है,जिसमें हमें सींचा जाता है..!
कॉलेज का पहला दिन ! आसमान में धूप और बादलों की जंग जारी है,लेकिन इधर तो खुशी बिन बादल के बरस रही...
वर्चुअल और रियल वर्ल्ड की बैलेंसिंग समय की मांग
यही सर्दी की एक साँझ थी। घड़ी साढ़े पाँच बजा रही थी। चाय की दुकानों पर भीड़ का उमड़ना जारी था। तमाम...
पता नहीं जी कौन सा नशा करता है ?
पुराने ज़माने की महबूबा को पता रहता था कि एक दिन मेरी शादी अगर किसी सरकारी नौकरी वाले से हो गई तो...
एक परिचय की मौत
साल दो हजार नौ-दस का समय। खेत में बैठकर मेरी आँखें बीएचयू में पढ़ने का ख़्वाब बुन रहीं थीं।
कोई पॉजिटिव समाचार है ?
सांझ हो रही है। रक्तिम प्रकाश से भरे आसमान का सूरज डूब रहा है। पुरूवा बहती है। डैने पसारे पक्षी अपने-अपने घोसलें...
‘डिजिटल बारूद’ के साथ खेलती मॉडर्न जेनरेशन
आज से तीन-चार दिन पहले टिकटॉक के सबसे बड़े स्टार फैज़ल सिद्दीकी का वीडियो ट्विटर पर वायरल हो जाता है। वीडियो में...
आत्मनिर्भर भारत के दुःखद पहलू !
सवाल तो है कि जब बीस लाख करोड़ के पैकेज से आत्मनिर्भर भारत बनानें कि बातें की जा सकतीं हैं,तो कुछ सौ...
ये दूर रहकर भी एक दूसरे के साथ खड़े होने का समय है।
जिस आदेश में एक अफ़वाह के आधार पर लोग नमक इकट्ठा करनें लगें, जगह-जगह अनाज और सब्जियों की जमाखोरी होने लगे,वहाँ कुछ...
“कराही में घीव लेखा जीव जरsता !”
ए जी पिंटूआ के पापा….!
ई कवन नोकरी ह जी कि ना रउरा दीवाली के छुट्टी मिलsता,ना छठ के...