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उस्ताद..आज आपके साथ थोड़ा बनारस भी बिक गया
सादर प्रणाम
उम्मीद है आप जहाँ भी होंगे सकुशल होंगे..देखिये न आज आपके बनारस में सूरज दिल खोलकर निकला है,हवा पंख खोलकर बह रही...
मंटूआ-पिंकीया की असली प्रेम कहानी
मौसम में हल्की नमी थी और हवा में बंसत की सुवास.आसमान में देखते ही मन उड़ने लगता था.मानों वो चिल्ला-चिल्ला के कह रहा हो."अब...
बी.टेक्स वाले दुल्हनिया ले जाएंगे ?
आज छत पर धूप पसरी है.अखबार लेकर बैठा हूँ.आसमाँ भी साफ़ है.पक्षी भी उड़ रहे..नावें भी ठीक से चल रहीं.लेकिन कमबख्त मेरा दिल बैठा...
WhatsApp हमें क्या सिखाता है ?
सपनों में उलझी है जिंदगी.हम सुलझा रहे हैं दिन-रात...आ रहे हैं,जा रहे हैं,भाग रहे हैं,जाग रहे हैं.कुछ देर बाद सुलझन की एक डोर में...
डिप्लोमा इन दुनियादारी
गाँव के स्कूल में एक मास्टर साहेब थे.नाम था तिरलोचन तिवारी उर्फ़ मरखहवा मास्टर.ज्ञान को हमेशा कपार पर उठाये रहते थे.माघ के जाड़े में...