Social Media का सार्थक उपयोग कैसे करें ?
चार फिट सात इंच का सिंटूआ गाँव से पहली बार बनारस पढ़ने के लिए आया था.कहतें हैं तब उसके चेहरे से मासूमियत की गंगा-जमुना...
हमने देश के लिए क्या किया साहेब
कल से मोहल्ले के एक ड्यूड क्रांतिकारी फेसबुक पर बवाल काट दिए हैं.कल जहाँ सब लोग सुबह उठकर तिरंगे झंडे के साथ गणतंत्र दिवस...
समाजवाद बबुआ धीरे-धीरे आई..
एक थे बैजू पांड़े.जिला बलिया के रँगबाज..छह फिट के छरहर जवान, धरती दबा के आ सीना फुलाके जब चलते थे तो गाँव-जवार के लोग...
Social Media Addiction – आभासी इश्क के खतरे जानिए
कल फेसबुक खोलते ही देखा कि हमारे किशोरीलाल अंकल जी का चेहरा शाहरुख खान से मिल गया है और वो ऊंचास लोगों को टैग...
इवेंट मैनेजमेंट बनाम देहाती मैनेजमेंट
समाचार ई बा कि बबलुआ के हाड़े हरदी लागे के तैयारी हो रहल बा..हित-नात लोग आवे के तैयारी में बा.।बुढ़िया फुआ काल्ह ओहपार से...
जाड़ा,ऑटो,अंकल और वो अकेली लड़की
वाकया थोड़ा पुराना है..जनवरी की कोई ठण्डी सी शाम होगी..बीएचयू से क्लास करके लौट रहा था..जाड़ा अपने पूरे शबाब पर..जहाँ तहाँ लोग अपने दांत...
बाढ़,जेम्स प्रिंसेप और काशी के शाही नाले की कथा…
सुबह-सुबह अस्सी घाट के पुरनिये आठ कचौड़ी,तेल में तर तीन प्लेट कोहड़ा की तरकारी,दूई पाव जलेबी,सौ ग्राम दही के बाद जब बाबा...
अम्मा मेरे बाबा को भेजो री ( अहा ! ज़िंदगी में प्रकाशित )
फागुन में बेटी का ब्याह क्या तय हुआ,पिता की परीक्षा उसी दिन से शुरू हो गई। बुआ को बुलाना है,मौसी नहीं आएंगी...
इश्क़ वाली चाट ( कहानी )
गर्मी की साँझ थी। बादल रह-रहकर उमड़ते थे लेकिन बरसते न थे। लड़के ने अपनी पतली कलाई में उलझी चालीस रुपये वाली...
गरीब भाई के राखी (कहानी)
एही जेठ में बबीता के बियाह भइल नइहर छूटल की आँखि से लोर छूटल...डोली में चढ़ली त खेत सीवान मन परे लागल कइसे बाबूजी...