आप गायत्री ठाकुर को जानते हैं ?

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Gaytri Thakur songs,bhojpuri songs

जब घरे घरे टीवी , टेप आ रेडियो ना रहे मनोरंजन के साधन कम रहे हतना गायक आ कलाकार लो ना रहे लो लोग खेत से काम कर के आवे सुते के बेरा घर के बुढ पुरनिया कथा कहानि कही के लइकन के सुतावे ओह घरि भोजपुरी के कही कार्यक्रम होखे त रामायन आ महाभारत के प्रसंग होखे लोग लमटेम आ लाठी लेके कई कोस दूर जावना गायक के सुने जाव.जे गावे त ओकरा गायकी के जादू आ प्रसंग के व्याख्या में रोये लागे.

ओहि घरि के गायक श्री GAYTRI THAKUR व्यास जी के आज निधन हो गइल बाटे उहाँ के डुभा बक्सर के रहे वाला रहनी आजू भोजपुरी आपन एगो लाल खो देले बाड़ी जब भोजपुरी के संगीत के इतिहास लिखाई त भिखारी ठाकुर आ महेन्दर मिसिर के बाद सबसे ढेर पन्ना आ सियाही ओराई त उ गायत्री ठाकुर के योगदान लिखे में ओराई उहाँ के एगो भोजपुरी के घराना हइं जेके गायत्री घराना कहल ज़ाला आ उनकर समकछ बलिया के धुरान के घराना जेमे से आज हजारो गायक सीखी के गवनई गावत बा लो।

जले गुलशन कुमार जियत रहनी त उहाँ के गायत्री ठाकुर से बड़ी प्रभावित रहनी उहाँ के गावल राम केवट सम्वाद , लक्ष्मन परशुराम सम्वाद शिशुपाल वध कृष्णा लीला आदि के कैसेट निकलनी बाकी जस जस भोजपुरी में नवका गायक लो के प्रवेस भइल अश्लीलता बढ़े लागल अब रामायण महाभारत के जगह प फुहरपन हो गइल,

मनोरंजन के टेस्ट बदल गइल त लोग सुनल कम क दिहल बाकी आज भी देश के प्रख्यात राम कथा वाचक प्रेमभूसन जी उहा गीत गावेनी त रोंवा खाड़ हो ज़ाला “की करुना निधान रउवा जगत के दाता हाई.कहें ले दास गायत्री हो खीच के तिन गो चिचिरी हो ……सीरी भगवान रउवा जगत के दाता हाई।।।।

हम का कहि एक दू हाली उहाँ के गावत सुनले बानी ओतना विद्वान गायक शायद भोजपुरी केहू बाटे आज भरत शर्मा जवन भी बानी उ गायत्री ठाकुर के कारण बानि भरत जी के गुरु रहनी उहाँ के । खेसारी आ लेतरी के दौर में उहाँ के महानता के देखि कब लोग समझाता काहे की मर गैला के बादे लोग के विस्वाश होला की फलाना बड़ा महान रहलन ए विडंबना के का कहल जाई.

एगो उहें के गीत से नमन करा तानी…… (इ गीत उहें के लिखल ह आज हमार पापा बम्बई से फ़ोन प सुनाव्लन ह हमरा के ) एमे हनुमान जी से उहाँ के कहा तानी की जाके राम जी से कही दिह की जल्दी आईं ना त सब गड़बणाता…….

कहिह मुहखरिया हो खबरिया राज़ा राम से
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर हव पतित पावन के
जवने खातिर अवतार भइल अभिमान भइल रावण के
अब रोजे रोजे अपहरण होता चलते राह डगरिया हो …..खबरिया……
सनातन धर्म के विजय पताका हरदम जहां फहराइल हो
आइल संकट विकट घरि बा संत लोग बौराइल हो
आइल संकट जल्दी करीं रोवता अवध नगरिया हो…. खबरिया राज़ा……
जीभ बेचारी फेर में बाड़ी दांत बिच बत्तीसी के
इहंवा लोग दससीस भइल बा चरण में राखी विभिसन के
लहरी गयित्री आसरा लवले फेरबा कब नजरिया हो….. खबरिया राज़ा राम से…

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संगीत का छात्र,कलाकार ! लेकिन साहित्य,दर्शन में गहरी रूचि और सोशल मीडिया के साथ ने कब लेखक बना दिया पता न चला। लिखना मेरे लिए खुद से मिलने की कोशिश भर है। पहला उपन्यास चाँदपुर की चंदा बेस्टसेलर रहा है, जिसे साहित्य अकादमी ने युवा पुरस्कार दिया है। उपन्यास Amazon और flipkart पर उपलब्ध है. फ़िलहाल मुम्बई में फ़िल्मों के लिए लेखन।